सोमवार, 5 सितंबर 2022

अल्बर्ट आइंनस्टाइन के बारे में रोचक/ Fact about Albert Einstein/ Famouse fact about Albert Einstein

 



"अल्बर्ट आइंनस्टाइन के बारे में रोचक"


                      1. जब आइंस्टाइन का जन्म हुआ तब इनका सिर बहुत बड़ा था और इन्होंने 4 साल की उम्र तक बोलना भी शुरू नही किया था। मगर एक दिन जब 4 साल के आइंनस्टाइन अपने माता पिता के साथ रात के खाने पर बैठे थे तो उन्होने अपनी चार साल की चुप्पी तोडते हुए कहा -‘shoop बहुत गर्म है ‘। अपने बेटे के इस तरह से चार साल बाद एकदम बोलने से आइंनस्टाइन के माता-पिता हैरान हो गए।


2. आइंनस्टाइन समुद्री यात्रा करते समय और violin बजाते समय मोजे (जुराबे )पहनने पसंद नही करते थे।


3. जब आइंस्टाइन प्रिंसटन यूनिव्हर्सिटी में कार्यरत थे तो एक दिन university से घर वापस आते समय वे अपने घर का पता ही भूल गए। हालांकि प्रिंसटन के ज्यादातर लोग आइंस्टाइन को पहचानते थे, किंतु जिस texy में वे बैठे थे उसका driver उन्हें नहीं पहचानता था। आइंस्टाइन ने driver से कहा, “क्या तुम्हें आइंस्टाइन का पता मालूम है?” driver ने जवाब दिया, “प्रिंसटन में भला कौन उनका पता नहीं जानेगा? यदि आप उनसे मिलना चाहते हैं तो मैं आपको उनके घर तक पहुँचा सकता हूँ।” तब आइंस्टीन ने driver को बताया कि वे खुद ही आइंस्टाइन हैं और अपने घर का पता भूल गए हैं। यह जानकर driver ने उन्हें उनके घर तक पहुँचाया और आइंस्टाइन के बार-बार आग्रह के बावजूद भी, texy का भाड़ा भी नहीं लिया।


4. आइन्स्टीन ने एक बार कहा – “बचपन में मेरे पैर के अंगूठे से मेरे मोजों में छेद हो जाते थे इसलिए मैंने मोजे पहनना बंद कर दिया”।


5. कैलटेक (कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने अलबर्ट आइंस्टाइन को एक समारोह में आमंत्रित किया। आइंस्टाइन अपनी पत्नी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए। उन्होंने माउन्ट विल्सन पर स्थित अन्तरिक्ष वेधशाला भी देखी। उस वेधशाला में उस समय तक बनी दुनिया की सबसे बड़ी अन्तरिक्ष दूरबीन स्थापित थी। इतनी बड़ी दूरबीन को देखने के बाद श्रीमती आइंस्टाइन ने वेधशाला के प्रभारी से पूछा – “इतनी बड़ी दूरबीन से आप क्या देखते हैं?”प्रभारी को यह लगा कि श्रीमती आइंस्टाइन का खगोलशास्त्रीय ज्ञान कुछ कम है। उसने बड़े रौब से उत्तर दिया – “इससे हम ब्रम्हांड के रहस्यों का पता लगाते हैं।” “बड़ी अजीब बात है। मेरे पति तो यह सब उनको मिली चिठ्ठियों के लिफाफों पर ही कर लेते हैं” – श्रीमती आइंस्टाइन ने कहा।


6. नाजी गतिविधियों के कारण आइंस्टाइन को जर्मनी छोड़कर अमेरिका में शरण लेनी पड़ी। उन्हें बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों ने अपने यहाँ आचार्य का पद देने के लिए निमंत्रित किया लेकिन आइंस्टाइन ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय को उसके शांत बौद्धिक वातावरण के कारण चुन लिया। पहली बार प्रिंसटन पहुँचने पर वहां के प्रशासनिक अधिकारी ने आइंस्टाइन से कहा – “आप प्रयोग के लिए आवश्यक उपकरणों की सूची दे दें ताकि आपके कार्य के लिए उन्हें जल्दी ही उपलब्ध कराया जा सके।”आइंस्टाइन ने सहजता से कहा – “आप मुझे केवल एक ब्लैकबोर्ड, कुछ चाक, कागज़ और पेन्सिल दे दीजिये।” यह सुनकर अधिकारी हैरान हो गया। इससे पहले कि वह कुछ और कहता, आइंस्टाइन ने कहा – “और एक बड़ी टोकरी भी मंगा लीजिये क्योंकि अपना काम करते समय मैं बहुत सारी गलतियाँ भी करता हूँ और छोटी टोकरी बहुत जल्दी रद्दी से भर जाती है।”


7. जब लोग आइंस्टाइन से उनकी प्रयोगशाला के बारे में पूछते थे तो वे केवल अपने सर की ओर इशारा करके मुस्कुरा देते थे। एक वैज्ञानिक ने उनसे उनके सबसे प्रिय उपकरण के बारे में पूछा तो आइन्स्टीन ने उसे अपना फाउंटन पेन दिखाया। उनका दिमाग उनकी प्रयोगशाला थी और फाउंटन पेन उनका उपकरण।


8. आइंनस्टाइन की यादआसत कुछ ज्यादा अच्छी नही थी .उन्हें Dates और Phone numbers याद रखने में problem होती थी.यहाँ तक कि उन्हे खुद का नंम्बर याद नही रहता था .


9. आइंस्टाइन को सिगार पीना बहुत पसंद था। इतना कि एक बार वह नौका विहार के दौरान नदी में गिर गए और बाहर निकले तो पूरी तरह भीग चुके थे, लेकिन इस दौरान भी उन्होंने बडी हिफाजत से अपने पाइप को बचाए रखा। मॉन्ट्रियल स्मोकर्स क्लब के वह सदस्य थे। एक बार उन्होंने कहा था, सिगार पीने से दुनियादारी से जुडे या व्यावहारिक मामलों में सही नतीजों तक पहुंचने और शांत रह पाने में बहुत मदद मिलती है।


10. आइंन्स्टाइन का जन्मदिन 14 मार्च को पूरी दुनिया में ‘जीनियस डे’ के रूप में मनाया जाता है।


11. आइंनस्टाइन बढ़ीया काम करने के लिए रात को 10 घंटे तक सोते थे

12. एक दिन अल्बर्ट आइंस्टाइन भाषण देने जा रहे थे तो रास्ते में उनके ड्राइव्हर ने कहा कि आपका भाषण मैं इतनी बार सुन चुका हूँ कि लोगों के सामने मैं ही आपका भाषण दे सकता हूँ। यह कहकर कि ‘ठीक है आज तुम्हीं भाषण देना’ आइंस्टाइन ने ड्राइव्हर की पोशाक पहन कर उसका स्थान ले लिया और अपना स्थान ड्राइव्हर को दे दिया।


भाषण हॉल में ड्राइव्हर ने सचमुच, आइंस्टाइन के जैसे ही, धुआँधार भाषण दिया। भाषण देने के बाद जब लोगों ने प्रश्न पूछने शूरू किए और ड्राइव्हर पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब भी सही दिए। किन्तु किसी एक ने ऐसा कठिन प्रश्न पूछ लिया कि ड्राइव्हर को उसका उत्तर नहीं पता था। इस पर ड्राइव्हर ने कहा, “अरे इस प्रश्न का जवाब तो इतना सरल है कि मेरा ड्राइव्हर बता देगा।” ऐसा कहकर उसने ड्राइव्हर वाली पोशाक पहने आइंस्टाइन को जवाब देने के लिए खड़ा कर दिया।


13. एक बार आइंस्टाइन प्रिंसटन से कहीं जाने के लिए ट्रेन से सफर कर रहे थे। जब टिकट चेकर उनके पास आया तो वे अपनी टिकट ढ़ूढ़ने के लिए जेबें टटोलने लगे। जेब में टिकट के न मिलने पर उन्होंने अपने सूटकेस को चेक किया। वहाँ भी टिकट को नदारद पाकर अपनी सीट के आस-पास खोजने लगे। यह देखकर चेकर ने कहा कि यदि टिकट गुम हो गई है तो कोई बात नहीं, वह उन्हें अच्छी प्रकार से पहचानता है और उसे विश्वास है कि टिकट जरूर खरीदी गई होगी।चेकर जब बोगी के सभी लोगों का टिकट चेक करके वापस जा रहा था तो उसने देखा कि आइंस्टाइन अपनी सीट के नीचे टिकट ढ़ूढ़ रहे हैं। तब चेकर फिर से उन्हे कहा कि वे टिकट के लिए परेशान न हों, उनसे टिकट नहीं माँगा जाएगा। चेकर की बातें सुनकर आइंस्टाइन ने कहा, “पर टिकट के बिना मुझे पता कैसे चलेगा कि मैं जा कहाँ रहा हूँ?”


14. अल्बर्ट आइन्स्टीन के प्रेम के किस्सो की 1 लम्बी list है। उनकी मृत्यु के 20 साल बाद उनकी सौतेली बेटी ने उनके 1500 पत्र प्रकाशित किये जिनमें उनके लगभग 6 प्रेम संबंधो का खुलासा हुआ। वह अपने प्रेम संबंधो का ताजा हाल अपनी इस बेटी को चिट्ठियो में लिखा करते थे। हालाँकि कई जानकारो का कहना है कि वह 20 से भी ज्यादा प्रेम संबंधो में रहे। उनकी एक प्रेमिका मशहूर अदाकारा मर्लिन मुनरो भी थी। आइन्स्टीन की लोकप्रियता और उनकी विद्वता के चर्चे महिलाओ को उनकी ओर आकर्षित करते थे। एक बार Germany की 1 सोशलाईट जिसे वह M कहते थे, उनसे मिली और प्रेम में डूब गई। उसने आइंस्टीन पर तोहफो की बौछार कर दी। वे कुछ समय जर्मनी में साथ रहे और फिर आइंस्टीन लंडन आ गये। वह उनके पीछे लंडन आ गई। उसके बाद आइंस्टीन अमरीका चले गये। वह वहां भी पहुँच गई। उनकी ऐसी ही रूसी प्रेमिका भी थी, जिसे वह जासूस कहते थे। उसने भी आइंस्टीन के पीछे लगभग आधी दुनियां का चक्कर लगा लिया था।


15. किसी समारोह में एक महिला ने आइंस्टीन से सापेक्षता का सिद्धांत समझाने का अनुरोध किया। आइन्स्टीन ने कहा: “मैडम, एक बार मैं देहात में अपने अंधे मित्र के साथ घूम रहा था और मैंने उससे कहा कि मुझे दूध पीने की इच्छा हो रही है“। “दूध?” – मेरे मित्र ने कहा – “पीना तो मैं समझता हूँ लेकिन दूध क्या होता है?”“दूध एक सफ़ेद द्रव होता है” – मैंने जवाब दिया।


“द्रव तो मैं जानता हूँ लेकिन सफ़ेद क्या होता है?”


“सफ़ेद – जैसे हंस के पंख“।


“पंख तो मैं महसूस कर सकता हूँ लेकिन ये हंस क्या होता है?”


“एक पक्षी जिसकी गरदन मुडी सी होती है“।


“गरदन तो मैं जानता हूँ लेकिन यह मुडी सी क्या है?” “अब मेरा धैर्य जवाब देने लगा। मैंने उसकी बांह पकड़ी और सीधी तानकर कहा – “यह सीधी है!” – फ़िर मैंने उसे मोड़ दिया और कहा – “यह मुडी हुई है“।


“ओह!” – अंधे मित्र ने कहा – “अब मैं समझ गया दूध क्या होता है“।


17. जब आइन्स्टीन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे तब एक दिन एक छात्र उनके पास आया। वह बोला – “इस साल की परीक्षा में वही प्रश्न आए हैं जो पिछले साल की परीक्षा में आए थे”।


“हाँ” – आइन्स्टीन ने कहा – “लेकिन इस साल उत्तर बदल गए हैं”।


18. आइंस्टाइन की मृत्यु के बाद उनके परिवार की अनुमति के बिना उनका दिमाग निकाल लिया गया। यह अनैतिक कार्य Dr.Thomas Harvey द्वारा उनके दिमाग पर रिसर्च करने के लिए किया गया। 1975 में उनके बेटे Hans की आज्ञा से उनके दिमाग के 240 सैंपल कई वैज्ञानिकों के पास भेजे जिन्हें देखने के बाद उन्होने पाया कि उन्के दिमाग में आम इन्सान से ज्यादा cells की गिणती है।

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