शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

Most important Physics Notes

 Most important Physics Notes

👉Important GS. 


📕 परम ताप: परम ताप केल्विन तापक्रम पर आधारित है जिसके अनुसार दाब पर पानी का हिमांक 263∘K और क्थनांक 363∘K होता है | परम ताप का मान सेन्दटीग्रेड ताप और 273∘K के योग के बराबर होता है ।

▪️परम शून्य - 273.15∘C के बराबर होता है । सिद्धांत: परम शून्य ताप पर समस्त आणविक गतियाँ शून्य हो जाती है ।


📕 परम शून्य तापमान: वह तापमान जिस पर गैस का आयतन और दाब शून्य हो जाता है, परम शून्य तापमान कहलाता हैं | यह -273.15∘C के बराबर होता है ।


📕 दाब का नियम (Pressure Law): स्थिर आयतन पर किसी गैस के निश्चित द्र॒व्यमान का दाब (P) उसके ताप (T) के अनुक्रमानुपाती होता है अर्थात्‌ P∝Tता (स्थिर आयतन पर) - या P/T = नियतांक


📕 चार्ल्स का नियम (Charles Law): स्थिर दाब पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन (V) उसके परम ताप (T∘K) के समानुपाती होता है ।

V ∝ T दोनों नियमों को मिलाने पर PV=RT मिलता है जहाँ R स्थिरांक है |


▪️ PV =nRT आदर्श गैस समीकरण कहलाता है । जो गैस इसका पूर्ण रूपेण पालन करती है, वह आदर्श गैस कहलाती है अर्थात्‌ (V ∝ T स्थिर ताप पर) जहाँ ॥ परम ताप = (t∘सेंटीग्रेड + 273.15∘C) केल्विन ।


📕 बॉयल का नियम (Boyle's Law): स्थिर ताप पर किसी गैस के निश्चित द्र॒व्यमान का आयतन (५) उसके दाब (7?) के व्युत्रमानुपाती होता है अर्थात्‌ P ∝ 1/V (स्थिर ताप पर) या, PV = K जहाँ K = स्थिरांक |


📕 एवोगाद्रो का नियम (Avogadro's Law):

समान ताप और दाब पर सभी गैसों के समान आयतन में अणुओं की संख्या भी समान होती है, अर्थत्‌ V ∝ N(स्थिर ताप और दाब पर) ।

जहाँ N = गैस के अणुओं की संख्या या V ∝ N

एवोगाद्रो संख्या या, V ∝ N जहाँ N = गैसों के मोलों की संख्या (ग्राम अणुओं की संख्या) सामान्य ताप एवं दाब पर विभिन्न गैसों के एक ग्राम अणु का आयतन 22.4 लीटर होता है तथा इस 22.4 लीटर में 6.02 x 1023 अणु होते हैं, यही संख्या एवोगाद्रो संख्या कहलाती है।


📕 ऊर्ध्वपातन: जब किसी ठोस को गर्म किया जाता है, तो वह पहले द्रव में फिर गैस में परिवर्तित होते हैं, लेकिन जब कोई पदार्थ गर्म करने पर ठोस अवस्था से सीधे गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है, तो इस क्रिया को उर्ध्वपातन कहते हैं | ▪️जसे-कपूर को गर्म करने पर वह बिना द्रव में बदले सीधे गैस में बदल जाता है ।


📕 गुप्त ऊष्मा (Latent Heat): ताप की वह मात्रा जो तापक्रम में परिवर्तन लाए बिना एक ग्राम पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के लिए अपेक्षित हो गुप्त ऊष्मा कहलाती है । 

▪️इसे जूल/किग्रा, या कैलोरी/ग्राम में मापा जाता है ।

▪️उबलते जल की अपेक्षा भाप से जलने पर अधिक कष्ट होता है क्योंकि 100∘C के जल की अपेक्षा 100∘C के भाप की गुप्त ऊष्मा का मान अधिक होता है, इसलिए जल की अपेक्षा भाप से जलने पर अधिक कष्ट होता है ।

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