RIP की फुल फॉर्म होती है (Rest in Peace)
हिंदी में शांति से आराम करो।
अब यह बताने की जरूरत नहीं की "
शांति में आराम करो" और
" भगवान उनकी आत्मा को शांति दे"
में क्या अंतर होता है।
👉RIP एक प्रकार से देखें तो यह हिंदुओं की अंतिम संस्कार प्रक्रिया के विरुद्ध है।
👉हिंदू मान्यताओं में मनुष्य के पाप और पुण्य का हिसाब या तो उसके जीवन में हो जाता है या फिर अगले जन्म में होता है। इसके लिए उसे कब्र में इंतजार नहीं करना होता।
अतः हिंदू मनुष्य के मृत्यु पर RIP लिखना या बोलना अनुचित है।
👉मत्यु की सूचना पर RIP लिखना गलत नहीं है।
यह बिल्कुल सही है,
👉जिन समुदायों में मृत व्यक्ति के शव को कब्र में दफनाया जाता है उन सभी समुदायों के व्यक्ति के निधन पर RIP ही उचित है।
👉जो समुदाय शव को कब्र में दफन करते हैं, उनकी मान्यता है कि कयामत के दिन जब सभी मनुष्यों के पाप और पुण्य का हिसाब किताब होगा तब कब्र में दफन सभी लोग बाहर आएंगे।
इसलिए कहा जाता है कि " कयामत का दिन आने तक
कब्र में शांति से आराम करो"
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