गुरुवार, 27 मार्च 2025

वीर पोरस की पूरी कहानी

 


वीर पोरस की पूरी कहानी 

राजा पोरस भारतीय इतिहास के उन महान योद्धाओं में से एक थे जिन्होंने सिकंदर महान (Alexander the Great) को कड़ी टक्कर दी थी। उनका नाम साहस, युद्धकौशल और देशभक्ति का प्रतीक है। आइए, उनकी पूरी कहानी को क्रमबद्ध तरीके से जानते हैं।


1. राजा पोरस का परिचय और प्रारंभिक जीवन

  • राजा पोरस (Porus) का असली नाम पुरू या पुरूवास था।

  • वे झेलम और चिनाब नदी के बीच के क्षेत्र (आज का पंजाब, पाकिस्तान) के राजा थे।

  • वे पुरुवंशी राजवंश के शासक थे और अपनी बहादुरी व रणनीतिक कौशल के लिए प्रसिद्ध थे।


2. सिकंदर का भारत पर आक्रमण (326 ई.पू.)

  • सिकंदर (Alexander the Great) ने अपने विजय अभियान के दौरान भारत पर आक्रमण करने की योजना बनाई।

  • 326 ई.पू. में उसने झेलम नदी पार कर पोरस के राज्य पर आक्रमण किया।

  • पोरस ने बहादुरी से अपने साम्राज्य की रक्षा करने का निर्णय लिया।


3. हाइडस्पेस (झेलम) का युद्ध - 326 ई.पू.

1) युद्ध की तैयारी

  • पोरस ने अपनी सेना में विशाल हाथियों और वीर सैनिकों को संगठित किया।

  • उन्होंने सिकंदर की सेना को झेलम नदी के किनारे रोकने की रणनीति बनाई।

2) युद्ध का आरंभ

  • सिकंदर ने एक चालाकी भरी योजना बनाई और रात के अंधेरे में नदी पार की।

  • पोरस की सेना ने डटकर मुकाबला किया लेकिन सिकंदर की सैन्य रणनीति और तेजी के कारण उन्हें मुश्किल हुई।

3) वीर पोरस का संघर्ष

  • पोरस ने अपने विशालकाय हाथियों के साथ वीरतापूर्वक युद्ध किया।

  • वे खुद अपने हाथी पर सवार होकर युद्ध लड़ रहे थे।

  • उनकी सेना ने सिकंदर को कड़ी टक्कर दी, लेकिन अंततः ग्रीक सेना की रणनीति के आगे वे कमजोर पड़ गए।

  • पोरस को युद्ध में पराजय का सामना करना पड़ा और वे घायल अवस्था में बंदी बना लिए गए।


4. सिकंदर और पोरस की मुलाकात

  • जब पोरस को सिकंदर के सामने लाया गया तो सिकंदर ने पूछा:
    "पोरस, तुम्हारे साथ कैसा व्यवहार किया जाए?"

  • पोरस ने गर्व से उत्तर दिया:
    "जैसा एक राजा दूसरे राजा के साथ करता है।"

  • सिकंदर उनके साहस से प्रभावित हुआ और उन्हें उनका राज्य वापस दे दिया।

  • कुछ इतिहासकारों के अनुसार, सिकंदर ने पोरस को अपना मित्र और सहयोगी बना लिया।


5. राजा पोरस का अंत

  • सिकंदर के भारत छोड़ने के बाद, पोरस ने फिर से अपने राज्य को संगठित किया।

  • कुछ स्रोतों के अनुसार, बाद में सिकंदर के एक सेनापति यूडेमस ने धोखे से पोरस की हत्या कर दी।

  • उनकी वीरता और स्वाभिमान ने उन्हें इतिहास में अमर बना दिया।


6. पोरस की विरासत और महत्व

  • पोरस भारतीय वीरता का प्रतीक माने जाते हैं।

  • उन्होंने दिखाया कि किसी भी विदेशी आक्रमणकारी से कैसे मुकाबला किया जा सकता है।

  • आज भी उनकी कहानी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।


निष्कर्ष

राजा पोरस का जीवन हमें यह सिखाता है कि अपने सम्मान और मातृभूमि की रक्षा के लिए अंतिम क्षण तक लड़ना चाहिए। वे भारतीय इतिहास में हमेशा अमर रहेंगे।

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