मंगलवार, 19 अगस्त 2025

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest)

 डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) 

डिजिटल अरेस्ट क्या है?

डिजिटल अरेस्ट एक नया साइबर फ्रॉड है जिसमें ठग खुद को पुलिस, CBI, ED, आयकर, या अन्य सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते हैं कि उनके खिलाफ कोई गंभीर केस दर्ज है और उन्हें "डिजिटल तरीके" से गिरफ्तार किया जा रहा है। इसका असली मकसद डराकर लोगों से पैसे वसूलना है, न कि कानूनी गिरफ्तारी करना.


डिजिटल अरेस्ट कैसे होता है? 

  1. फर्जी कॉल/वीडियो कॉल से शुरुआत

    • आपको अचानक किसी अनजान नंबर से कॉल या वीडियो कॉल आती है।

    • कॉलर खुद को किसी सरकारी अधिकारी, पुलिस, CBI या ED का सदस्य बताता है।

    • कई बार कॉल पर पुलिस स्टेशन जैसा सेटअप या नकली वर्दी देखने को मिलती है.

  2. डराने-धमकाने की रणनीति

    • आपको बताया जाता है कि आपके नाम पर कोई गंभीर केस दर्ज है, जैसे- मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी, टैक्स चोरी, पार्सल स्कैम आदि।

    • बताया जाता है कि अगर आप आज्ञा नहीं मानेंगे तो आपको तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा, मुकदमा चलेगा, या मीडिया में नाम आएगा.

  3. वन्यकरण व अलगाव

    • अक्सर आपको कहा जाता है कि आप वीडियो कॉल पर बने रहें और किसी से बात न करें यानी आपको आइसोलेट किया जाता है।

    • पीड़ित को मदद न मिल सके इसलिए मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जाता है।

  4. पैसे की मांग

    • कथित "आरोप हटाने", "बेल फीस", "इन्वेस्टिगेशन चार्ज" या "केस सुलझाने" के नाम पर पैसों की मांग की जाती है।

    • आपको किसी खाते या UPI, वॉलेट आदि में पैसे ट्रांसफर करने को कहा जाता है.

  5. पीड़ित का मानसिक शोषण

    • कई बार फर्जी सबूत (दस्तावेज, आरोपी फोटो, पुलिस स्टेशन का नकली दृश्य) भी दिखाए जाते हैं।

    • मानसिक तनाव, डर या शर्मिंदगी का फायदा उठाकर ठग पैसे ऐंठ लेते हैं.


कैसे बचें डिजिटल अरेस्ट से? (जनहित सुझाव)

  • किसी भी अनजान कॉल/वीडियो कॉल पर फर्जी पहचान पर भरोसा न करें।

  • सरकारी एजेंसियां कभी भी वीडियो कॉल, फोन पर भुगतान, या घर बैठे "डिजिटल अरेस्ट" नहीं करतीं.

  • किसी से भी अपना पासवर्ड, OTP, बैंक जानकारी साझा न करें।

  • साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत करें।

  • किसी भी ऐप को कॉलर के कहने पर इंस्टॉल न करें।


ध्यान दें

  • 'डिजिटल अरेस्ट' कानून में मान्य नहीं है, यह सिर्फ साइबर ठगी का एक तरीका है.

  • कानूनी गिरफ्तारी का सिर्फ आधिकारिक नोटिस और तय प्रक्रिया होती है, फोन/वीडियो कॉल से नहीं।


नतीजा: डिजिटल अरेस्ट एक साइबर क्राइम है, जिससे सतर्क रहना बेहद जरूरी है। संदेह की स्थिति में तुरंत साइबर सेल या 1930 पर रिपोर्ट करें.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जज फ्रैंक कैप्रियो के बारे में पूरी विस्तृत जानकारी

  जज फ्रैंक कैप्रियो के बारे में पूरी विस्तृत जानकारी दी गई है: 1) पूरा नाम और परिचय पूरा नाम: Frank Caprio (फ्रैंक कैप्रियो) जन्म:...