सिमरन शर्मा – प्रेरणाशील पैरालंपिक एथलीट की कहानी (हिंदी में)
व्यक्तिगत जीवन और प्रारंभिक संघर्ष
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सिमरन शर्मा का जन्म 9 नवंबर 1999 को गाजियाबाद (मोदीनगर, कृष्णाकुंज कॉलोनी) में हुआ। वे जन्म से दृष्टिबाधित हैं और समय से पूर्व जन्म के कारण अस्पताल में लगभग 6–7 महीने रहे
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बचपन में उन्होंने स्थानीय स्कूलों में भाग लिया और शुरुआती वर्षों से ही दौड़ में रुचि दिखाई
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वर्ष 2015 में उनकी मुलाकात उनके गुरु और बाद में पति, गजेंद्र सिंह से हुई, जिन्होंने उन्हें ट्रेनिंग दी और अंततः वे विवाह बंधन में बंध गए
अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियाँ
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2021: सिमरन बनीं वह पहली भारतीय पैराथलीट जिन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई किया, हालांकि पदक नहीं मिला
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2022: हांग्जू पैराऐशियाई खेलों में 100 मीटर और 200 मीटर T12 इवेंट्स में दो रजत पदक जीते
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2023: खेलो इंडिया पैरागेम्स और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में तीन स्वर्ण पदक जीते
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मई 2024: कोबे (जापान) में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 200 m T12 स्प्रिंट में 24.95 सेकंड में स्वर्ण पदक जीता, जो उनका पर्सनल बेस्ट था
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पेरिस 2024 पैरालंपिक: महिलाओं की 200 m T12 फाइनल में 24.75 सेकंड (पर्सनल बेस्ट) के साथ कांस्य पदक जीता, और 100 m में चौथा स्थान प्राप्त किया (12.31 सेकंड)
सम्मान और सामाजिक योगदान
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सिमरन को अर्जुन पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया, जो भारतीय खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाने वाला प्रमुख राष्ट्रीय पुरस्कार है
हाल ही में उनके सम्मान में गाजियाबाद के महामाया स्टेडियम में एक "Gallery of Fame" स्थापित की जा रही है, जहां उनके साथ अन्य महान खेलों का चित्र और जीवनवृत्तियां प्रदर्शित की जाएंगी
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उन्होंने मोदीनगर में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनाने की मांग उठाई, ताकि स्थानीय खिलाड़ी बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं प्राप्त कर सकें
दृष्टिकोण और प्रेरणा
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उनके मुताबिक:
“जिस तरह की बड़ी प्रतियोगिता होती है, मुझे उतना मज़ा आता है…”
“मैं इतनी तेज़ दौड़ना चाहती हूँ कि मेरे पैर धरती को मुश्किल से छुएं, और मेरी टाँगे एक blur बन जाएँ।”
वे LA पैरालंपिक 2028 में स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य रखती हैं -
उन्होंने पैराथलीट्स के लिए भारत में घरेलू प्रतियोगिताओं की कमी पर भी चिंता जाहिर की है और कहा कि अधिक मेचों की आवश्यकता है ताकि क्वालीफिकेशन और अनुभव के अवसर बढ़ें
सारांश
नाम | सिमरन शर्मा |
जन्म | 9 नवम्बर 1999, गाजियाबाद (मोदीनगर) |
संघर्ष | दृष्टिबाधित, समयपूर्व जन्म, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियाँ |
कोच / पति | गजेंद्र सिंह |
प्रमुख उपलब्धियाँ | 2022 एशियाई रजत, 2024 विश्व स्वर्ण, 2024 पेरिस कांस्य |
सम्मान | अर्जुन पुरस्कार 2024, Gallery of Fame सम्मान |
लक्ष्य | LA 2028 में स्वर्ण पदक, भारत में अधिक पैराथलिटिक आयोजन |
सिमरन शर्मा उन विरल हीरो में से हैं जिनकी कहानी सिर्फ दौड़ने की नहीं बल्कि जीवन की हर बाधा को सीधे सामना करने की है। उनका जज्बा, उनके पति गजेंद्र सिंह का समर्थन, और उनका दृढ़ संकल्प भविष्य के कई पैराथलिट्स को प्रेरित करेगा।
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