बुधवार, 25 मई 2022

✌🏻 *पॉजिटिविटी* 😇

 ✌🏻 *पॉजिटिविटी* 😇


एक नर्स  लंदन में ऑपरेशन से दो घंटे पहले मरीज़ के कमरे में घुसकर कमरे में रखे गुलदस्ते को संवारने और ठीक करने लगी। 


ऐसे ही जब वो अपने पूरे लगन के साथ काम में लगी थी, तभी अचानक उसने मरीज़ से पूछा "सर आपका ऑपरेशन कौन सा डॉक्टर कर रहा है?"


नर्स को देखे बिना मरीज़ ने अनमने से लहजे में कहा "डॉ. जबसन।"


नर्स ने डॉक्टर का नाम सुना और आश्चर्य से अपना काम छोड़ते हुये मरीज़ के पास पहुँची और पूछा "सर, क्या डॉ. जबसन ने वास्तव में आपके ऑपरेशन को स्वीकार किया हैं?


मरीज़ ने कहा "हाँ, मेरा ऑपरेशन वही कर रहे हैं।"


नर्स ने कहा "बड़ी अजीब बात है, विश्वास नहीं होता"


परेशान होते हुए मरीज़ ने पूछा "लेकिन इसमें ऐसी क्या अजीब बात है?"


नर्स ने कहा "वास्तव में इस डॉक्टर ने अब तक हजारों ऑपरेशन किये हैं उसके ऑपरेशन में सफलता का अनुपात 100 प्रतिशत है । इनकी तीव्र व्यस्तता की वजह से  इन्हें समय निकालना बहुत मुश्किल होता है। मैं हैरान हूँ आपका ऑपरेशन करने के लिए उन्हें फुर्सत कैसे मिली?


मरीज़ ने नर्स से कहा "ये मेरी अच्छी किस्मत है कि डॉ जबसन को फुरसत मिली और वह मेरा ऑपरेशन कर रहे हैं ।


नर्स ने एक बार बार कहा "यकीन मानिए, मेरा हैरत अभी भी बरकरार है कि दुनिया का सबसे अच्छा डॉक्टर आपका ऑपरेशन कर रहा है!!"


इस बातचीत के बाद मरीज को ऑपरेशन थिएटर में पहुंचा दिया गया, मरीज़ का सफल ऑपरेशन हुआ और अब मरीज़ हँस कर अपनी जिंदगी जी रहा है।


मरीज़ के कमरे में आई महिला कोई साधारण नर्स नहीं थी, बल्कि उसी अस्पताल की मनोवैज्ञानिक महिला डॉक्टर थी, जिसका काम मरीजों को मानसिक और मनोवैज्ञानिक रूप से संचालित करना था, जिसके कारण उसे संतुष्ट करना था जिस पर मरीज़ शक भी नहीं कर सकता था। और इस बार इस महिला डॉक्टर ने अपना काम मरीज़ के कमरे में गुलदस्ता सजाते हुये कर दिया था और बहुत खूबसूरती से मरीज़ के दिल और दिमाग में बिठा दिया था कि जो डॉक्टर इसका ऑपरेशन करेगा वो दुनिया का मशहूर और सबसे सफल डॉक्टर है जिसका हर ऑपरेशन सफल ऑपरेशन होता है और इसी पॉजिटिविटी ने मरीज के अन्दर के डर को खत्म कर दिया था। और वह ऑपरेशन थियेटर के अन्दर यह सोचकर गया कि अब तो मेरा आपरेशन सक्सेज होकर रहेगा , मैं बेकार में इतनी चिन्ता कर रहा था। 


*पॉजिटिविटी दीजिये लोगों को...क्योंकि इस समय यह काम ईश्वर की वन्दना से भी बढ़कर है।*

★★★★★

🔹'यें चार बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए.

 🔹'यें चार बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए.


1.यदि आप किसी से सच्चा प्यार करते हैं तो इस बात को अपने पार्टनर के अलावा किसी को भी न बताएं।


2.अपने खराब पारिवारिक सम्बंध के बारे में कभी किसी बाहर वाले को न बताएं,अगर आप बताएंगे तो हो सकता है वो आपको गलत सलाह दें और आपके अच्छे खासे रिश्तों में दूरी आ जाए।


3.अपने सबसे खास दोस्त के अलावा किसी और दोस्त को ये पता न लगने दें कि वो आपका सबसे खास दोस्त है।


4.अगर आप भगवान से कुछ मांग रहे हैं तो उस बात को तब तक अपने मन मे ही रखें जब तक कि आपकी वो इच्छा पूरी न हो जाए,नहीं तो आपकी प्रार्थना व्यर्थ हो जाएगी।


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🔺औरतों का त्रिया-चरित्र 🔺 (प्रेरणादायक कहानी)

 🔺औरतों का त्रिया-चरित्र 🔺

             (प्रेरणादायक कहानी)


एक प्यासा आदमी एक कुएं के पास गया, जहां एक जवान औरत पानी भर रही थी। उस आदमी ने उस औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा। खुशी से उस औरत ने उसे पानी पिलाया।


पानी पीने के बाद उस आदमी ने औरत से पूछा कि आप मुझे औरतों की त्रिया चरित्र के बारे में कुछ बता सकती है। इतना कहने पर वह औरत जोर जोर से चिल्लाने लगी बचाओ, बचाओ। उसकी आवाज सुनकर गांव के लोग कुए की तरह दौड़ने लगे तो उस आदमी ने कहा कि आप ऐसा क्यों कर रही है, तो उस औरत ने कहा ताकि गांव वाले आए और आपको खूब पीटें और इतना पीटे की आपके होश ठिकाने लग जाए।


यह बात सुनकर उस आदमी ने कहा मुझे माफ करें, मैं तो आपको एक भली और इज्ज़तदार औरत समझ रहा था। तभी उस औरत ने कुएं के पास रखा मटके का सारा पानी अपने शरीर पर डाल लिया।अपने शरीर को पूरी तरह भींगा डाला। इतने देर में गांव वाले भी कुएं के पास पहुंच गए।


गांव वालों ने उस औरत से पूछा कि क्या हुआ ? औरत ने कहा मैं कुएं में गिर गई थी इस भले आदमी ने मुझको बचा लिया। यदि यह आदमी यहां नही रहता तो आज मेरी जान चली जाती। गांव वालों ने उस आदमी की बहुत तारीफ की और उसको कंधों पर उठा लिया। उसका खूब आदर सत्कार किया और उसको इनाम भी दिया।


जब गांव वाले चले गए तो औरत ने उस आदमी से कहा कि अब समझ में आया औरतों का त्रिया चरित्र.! अगर आप औरत को दुःख देंगे और उसे परेशान करेंगे तो वह  आपका सब सुख- चैन छीन लेगी और अगर आप उसे खुश रखेंगे तो वह आपको मौत के मुंह से भी निकाल लेगी..!


नारी सम्मान देने वालों को कभी न भूलती.

 हर की घर की माँ बेटी बहन की सम्मान करें

'ये आदतें छोड़ दीजिए.......👏

'ये आदतें छोड़ दीजिए.......👏


1.एक दो बार समझाने से यदि कोई नही समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना,छोड़ दीजिए.


2.बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना,छोड़ दीजिए।


 3.गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं जुड़ते तो उन्हें,छोड़ दीजिए।


 3.एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना,छोड़ दीजिए।


4.अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना,छोड़ दीजिए। 


5.यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना,छोड़ दीजिए।


6.हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना,छोड़ दीजिए।


7.बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना,छोड़ दीजिए।  


8.उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे,यदि सुकून से रहना है तो लोगों से उम्मीदें करना छोड़ दीजिये.

☀️ दो शेरों की खूबसूरत दोस्ती ☀️

 ☀️ दो शेरों की खूबसूरत दोस्ती ☀️


एक बार जंगल मे दो शेरों की दोस्ती बिगड जाती है दोनों ही एक दुसरे के दुश्मन हो जाते हैं, फिर दोनों एक दूसरे से 10 साल तक बात तक नही करते।


एक बार पहले शेर और उसकी बीवी बच्चों को 25-30 कुत्ते नोचने लगते हैं दूसरा शेर आता है, और उन कुत्तों को केले के छिलके की तरह फाड़ के भगा देता है।


और फिर से दूर जा के बैठ जाता है, पहले शेर का बेटा उससे पूछता है कि पापा दूसरे शेर से तो आप बात तक नहीं करते,फिर भी उसने हमको क्यों बचाया ??


पहले शेर ने कहा बेटा, दोस्ती में भले ही नाराज़गी हो जाए, पर दोस्ती इतनी भी कमजोर नही होनी चाहिए। कि कुत्ते फायदा उठा लें।


इसीलिए कहा जाता है की दोस्त भले ही कम हों पर ऐसे हों जिनमे शेर जैसा दम हो,


मुसीबत आने पर शेर की तरह आपके साथ खड़े रहें। ज्यादा फालतू के कुत्ते पालने से कुछ नहीं होता।


आजकल इंसान को दुखी रहने के कारण.

 आजकल इंसान को दुखी रहने के कारण.


1. देरी से उठना, देरी से जगना. 

2. लेन-देनका हिसाब नहीं रखना.

3. कभी किसी के लिए कुछ नहीं करना. 

4. स्वयं की बात को ही सत्य बताना.

5. किसी का विश्वास नहीं करना. 

6. बिना कारण झूठ बोलना.

7. कोई काम समय पर नहीं करना. 

8. बिना मांगे सलाह देना.

9. बीते हुए सुख को बार-बार याद करना.

10. हमेशा अपने लिए सोचना.


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जीवन के महत्व को समझाती हिन्दी कहानी ( देर ना हो जाए कहीं )

 जीवन के महत्व को समझाती हिन्दी कहानी

            ( देर ना हो जाए कहीं )


एक राजा वन में शिकार पर निकला था। रास्ता भूल जाने के कारण और भूख प्यास से पीड़ित होकर जंगल में ही किसी वनवासी की झोपड़ी में शरण ली। वनवासी ने उसकी मेहमान नवाजी की और उसे भोजन दिया।


राजा ने जाते समय कहा, “हम तुम्हारे इस आतिथ्य से प्रसन्न हुए। हम इस राज्य के राजा हैं। तुम्हें पास के नगर का एक चंदन का बगीचा प्रदान करते हैं। इससे तुम्हारा जीवन का आराम से गुजारा जाएगा।”


वनवासी नगर के अधिकारी के पास गया और वह चंदन का बगीचा उसे प्राप्त हो गया। लेकिन वनवासी को चंदन का महत्व क्या है और इसका किस तरह से फायदा उठाया जा सकता हैं, इस बात का पता नहीं था।


इसलिए वनवासी चंदन के वृक्ष काटकर उनसे कोयला बनाकर पास के शहर में बेचने लगा। इस तरह से उसका गुजर-बसर चलने लगा।


धीरे धीरे चंदन के सभी वृक्ष खत्म हो लगे और आखिर में सिर्फ एक वृक्ष बचा। बारिश के कारण वह पेड़ गिला था। इस कारण वह कोयला नहीं बना पाया। तो उसने केवल लकड़ी को बेचने का निर्णय लिया।


जब वह लकड़ी का गट्ठा लेकर बाजार में पहुंचा तो चंदन की खुशबू के कारण बहुत सारे लोग उससे खरीदने आ गए। और बहुत भारी कीमत में वनवासी से वो चंदन की लकड़ियां खरीद ली। इससे वनवासी हक्का-बक्का रह गया। उसने सब लोगों से इसका कारण पूछा तो लोगों ने बताया कि यह चंदन की लकड़ी है। अगर तुम्हारे पास ओर है, तो तुम अच्छा खासा पैसा कमा सकते हो और अमीर बन सकते हो।


अब वनवासी अपनी गलती पर पश्चाताप करने लगा कि उसने कीमती लकड़ी का कोयला बनाकर मामूली भाव में बेच दिया। जबकि वह चाहता तो इन सारी लकड़ियों से अपनी जिंदगी बदल सकता था।


शिक्षा-


अपना जीवन भी अनमोल है इसे दो कौड़ी की वस्तुओं के पीछे या दो कौड़ी के लोगों के पीछे बर्बाद ना करें। समय रहते इसके महत्व को समझें। इसके हर पल को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करके अपने आप को बेहतर बनाएं ऐसा जीवन जिये कि यह दूसरों के लिए मिसाल बन जाए और अपने घर परिवार वाले आपके ऊपर गर्व करे..!

हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है.? "जल्दी" और "देर"

 हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है.?


"जल्दी" और "देर"


हम सपने बहुत जल्दी देखते हैं,

और कार्य बहुत देरी से करते हैं


हम भरोसा बहुत जल्दी करते हैं ..

और माफ करने मे बहुत देर करते हैं।


हम गुस्सा बहुत जल्दी करते हैं,

और माफी बहुत देर से माँगते हैं।


हम हार बहुत जल्दी मानते हैं,

और शुरुआत करने मे बहुत देर करते हैं।


हम रोने मे बहुत जल्दी करते हैं ..

और मुस्कुराने मे बहुत देर करते हैं


बदलें “जल्दी” वरना

बहुत “देर” हो जाएगी.

आपकी राय कितनी खोखली होती है.?

 आपकी राय कितनी खोखली होती है.?


मान लो आप धूप में कही जा रहे हो, पसीने से तर-बतर, बहुत प्यासे, पर कहीं भी पानी नहीं मिल रहा। ऐसे में आप एक वृक्ष की छाया में थकान मिटाने के लिए खड़े हो जाते हो!


तभी सामने की एक इमारत की पहली मंजिल की खिड़की खुलती है और आपकी उस व्यक्ति से आँखे मिलती है। आपकी स्थिति देखकर, वह व्यक्ति हाथ के इशारे से आपको पानी के लिए पूछता है।


आपने तत्काल उस व्यक्ति पर एक राय बनाई। कितना सहृदय व्यक्ति है।।


उस व्यक्ति के लिये यह आपकी पहली राय है!


आदमी नीचे आने का इशारा करता है और खिड़की बंद कर देता है।आप पानी लेने तेज़ कदमों से उसके दरवाज़े पर पहुंचते है। लेकिन नीचे का दरवाजा 15 मिनट बाद भी नहीं खुलता। 


अब उस व्यक्ति के बारे में आपकी क्या राय है? आप उसे गालियां देते है। बेवकूफ, उल्लू का पट्ठा,ढीला, आलसी, कही का।


 उस व्यक्ति के लिये यह आपकी दूसरी राय है!


थोड़ी देर बाद दरवाजा खुलता है और आदमी कहता है. 'मुझे देरी के लिए खेद है, लेकिन आपकी हालत देखकर, मैंने आपको पानी के बजाय नींबू पानी देना सबसे अच्छा समझा.! इसलिए थोड़ा लंबा समय लगा!


सोचिये उस व्यक्ति के बारे में अब आपकी क्या राय है? कितना अच्छा आदमी है। 


अब जैसे ही आप शर्बत को अपनी जीभ पर लगाते हैं, आपको पता चलता है कि इसमें चीनी नहीं है।


अब सोचिये उस व्यक्ति के बारे में क्या राय है । बेवकूफ, नालायक, कंजूस कही का?


आपके चेहरे को खट्टेपन से भरा हुआ देखकर, व्यक्ति धीरे से चीनी का एक पाऊच निकालता है और कहता है, माफ कीजिये, मुझे पता नहीं था आप कितनी चीनी लेंगे,इसलिए अलग से चीनी ले आया। आप जितनी चाहें उतना डाल लें।


अब उसी व्यक्ति के बारे में आपकी क्या राय होगी?


अब आप मनन कीजिये..🤔


एक सामान्य सी स्थिति में भी,अगर हमारी राय इतनी खोखली है और लगातार बदलती जा रही है,तो क्या हम किसी भी बारे में राय देने के लायक है या नहीं!


इसलिए किसी के बारे में जल्दी राय ना बनाइए।।


कौन किस परिस्थिति या स्थिति में क्या एक्शन कर रहा है,ये वो ही बेहतर जानता है।। हो सकता है अपनी अपनी स्थिति से आप भी ठीक हो और दूसरा भी ठीक हो।


वास्तव में,दुनिया में हम सभी को इतना समझ में आया है कि अगर कोई व्यक्ति हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप व्यवहार करता है तो वह अच्छा है अन्यथा वह बुरा है!


 दिलचस्प बिंदु है,स्वयं विचार करें .👏

25 की उम्र से पहले ये आदत बना लें -

 25 की उम्र से पहले ये आदत बना लें -


1. रोज सुबह जल्दी उठना

2. हर महीने पैसे सेव करना

3. अपना बिजनेस शुरू करो

4. रोज अपने लक्ष्य लिखना

5. निवेश करना शुरू करो

6. काबिल लोगों के साथ रहो

7. बुक पढ़ने की आदत डालो

8. रोज एक घंटा वर्कआउट

9. इनकम के कई साधन बनाओ

10. Long Trem Goal सेट करो


इस दुनिया में कुछ भी Impossible नहीं है,

बस हमारा डर उसे Impossible बना देता है.

प्रेरणादायक कहानी -पेड़ का इंकार

 प्रेरणादायक कहानी -पेड़ का इंकार


एक बड़ी सी नदी के किनारे कुछ पेड़ थे जिसकी टहनियां नदी के धारा के ऊपर तक भी फैली हुई थीं।


एक दिन एक चिड़ियों का परिवार अपने लिए घोसले की तलाश में भटकते हुए उस नदी के किनारे पहुंच गया।

 

चिड़ियों ने एक अच्छा सा पेड़ देखा और उससे पूछा, “हम सब काफी समय से अपने लिए एक नया मजबूत घर बनाने के लिए वृक्ष तलाश रहे हैं, आपको देखकर हमें बड़ी प्रसन्नता हुई, आपकी मजबूत शाखाओं पर हम एक अच्छा सा घोंसला बनाना चाहते हैं ताकि बरसात शुरू होने से पहले हम खुद को सुरक्षित रख सकें। क्या आप हमें इसकी अनुमति देंगे?”


पेड़ ने उनकी बातों को सुनकर साफ इंकार कर दिया और बोला-


मैं तुम्हे इसकी अनुमति नहीं दे सकता…जाओ कहीं और अपनी तलाश पूरी करो।


चिड़ियों को पेड़ का इंकार बहुत बुरा लगा, वे उसे भला-बुरा कह कर सामने ही एक दूसरे पेड़ के पास चली गयीं।


उस पेड़ से भी उन्होंने घोंसला बनाने की अनुमति मांगी।

 

इस बार पेड़ आसानी से तैयार हो गया और उन्हें ख़ुशी-ख़ुशी वहां रहने की अनुमति दे दी।


चिड़िया का घोंसला चिड़ियों ने उस पेड़ की खूब प्रशंसा की और अपना घोंसला बना कर वहां रहने लगीं।


समय बीता… बरसात का मौसम शुरू हो गया। इस बार की बारिश भयानक थी…नदियों में बाढ़ आ गयी…नदी अपने तेज प्रवाह से मिटटी काटते-काटते और चौड़ी हो गयी…और एक दिन तो ईतनी बारिश हुई कि नदी में बाढ़ सा आ गयी तमाम पेड़-पौधे अपनी जड़ों से उखड़ कर नदी में बहने लगे।


और इन पेड़ों में वह पहला वाला पेड़ भी शामिल था जिसने उस चिड़ियों को अपनी शाखा पर घोंसला बनाने की अनुमति नही दी थी।


उसे जड़ों सहित उखड़कर नदी में बहता देख चिड़ियों कर परिवार खुश हो गया, मानो कुदरत ने पेड़ से उनका बदला ले लिया हो।


चिड़ियों ने पेड़ की तरफ उपेक्षा भरी नज़रों से देखा और कहा, “एक समय जब हम तुम्हारे पास अपने लिए मदद मांगने आये थे तो तुमने  साफ इनकार कर दिया था, अब देखो तुम्हारे इसी स्वभाव के कारण तुम्हारी यह दशा हो गई है।”


इसपर इस पेड़ ने मुस्कुराते हुए उन चिड़िया से कहा-


मैं जानता था कि मेरी उम्र हो चली है और इस बरसात के मौसम में मेरी कमजोर पड़ चुकी जडें टिक नहीं पाएंगी… और मात्र यही कारण था कि मैंने तुम्हें इंकार कर दिया था क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से तुम्हारे ऊपर विपत्ति आये।


फिर भी तुम्हारा दिल दुखाने के लिए मुझे क्षमा करना…और ऐसा कहते-कहते पेड़ पानी में बह गया।  


चिड़ियाँ अब अपने व्यवहार पर पछताने के अलावा कुछ नही कर सकती थीं।


बंधुओ,अक्सर हम दूसरों के रूखे व्यवहार का बुरा मान जाते हैं, लेकिन कई बार इसी तरह के व्यवहार में हमारा हित छुपा होता है। खासतौर पे जब बड़े-बुजुर्ग या माता-पिता बच्चों की कोई बात नहीं मानते तो बच्चे उन्हें अपना दुश्मन समझ बैठते हैं जबकि सच्चाई ये होती है कि वे हमेशा अपने बच्चों की भलाई के बारे में ही सोचते हैं।


इसलिए,यदि आपको भी कहीं से कोई ‘इंकार’ मिले तो उसका बुरा ना माने क्या पता उन चिड़ियों की तरह एक ‘ना’ आपके जीवन से भी विपत्तियों को दूर कर दे!

'6 महीनों मे खुद को कैसे बदलें'

 '6 महीनों मे खुद को कैसे बदलें'


1.अपना आज का काम कल पर ना टालकर आज ही पूरा करने की आदत डालें, लाइफ में जबरदस्त सुधार महसूस होने लगेगा।


2.समय से सोने और समय से जागने की आदत बना लें अर्थात एक नियमित दिनचर्या का पालन करें, आप में गजब का परिवर्तन आ जाएगा।


3.सुबह जल्दी उठकर खुद को फिट रखने के लिए योग और प्राणायाम करें, इससे तन और मन दोनों में आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिलेगा।


4.खुद को दूसरों की निंदा और चुगली करने से खुद को बचाएं रखने की आदत विकसित करें आपको जबरदस्त लाभ होगा।


5.अपने से बड़ों का सम्मान करें और छोटों को स्नेह दें, आपकी लाइफ में सुंदर बदलाव आ जाएगा।


6.अपने प्रत्येक काम को पूरी लगन और ईमानदारी से करने का निश्चय करें, जीवन में सफलता की दर दुगनी हो जाएगी।


7.दोस्तो अगर संभव हो तो आप किसी जरूरतमंद की सहायता करें, सच्ची खुशियों से आपका परिचय हो जाएगा।


8.रोज सुबह उठकर इतने सुंदर मनुष्य जीवन के लिए ईश्वर का धन्यवाद कीजिए, आपकी लाइफ में आनंद की मात्रा में कई गुना वृद्धि हो जाएगी।



हमेशा इन बातों को ध्यान रखिये।

प्रगति का रास्ता hindi kahani

  प्रगति का रास्ता 


एक विद्वान किसी गाँव से गुजर रहा था। उसे याद आया कि उसके बचपन का मित्र इस गांव में रहता है। उसने सोचा कि चलो उससे मिला जाये ।


वह मित्र के घर पहुंचा, लेकिन उसने देखा कि मित्र गरीबी व दरिद्रता में रह रहा है। साथ में दो नौजवान भाई भी हैं।


बात करते करते शाम हो गयी। विद्वान ने देखा, मित्र के दोनों भाइयों ने घर के पीछे आंगन में फली के पेड़ से कुछ फलियां तोड़ी, और घर के बाहर बेचकर चंद पैसे कमाये और दाल आटा खरीद कर ले आये। मात्रा कम थी, तीन भाई व विद्वान के लिए भोजन कम पड़ता इसलिये एक भाई ने उपवास का बहाना बनाया, दूसरे भाई ने पेट खराब होने का। केवल मित्र विद्वान के साथ भोजन ग्रहण करने बैठा।


रात हुई, विद्वान उलझन में कि मित्र की दरिद्रता कैसे दूर की जाये ? उसे सारी रात नींद नही आई। रात में वह चुपके से उठा, एक कुल्हाड़ी ली और आंगन में जाकर फली का पेड़ काट डाला और रातों रात भाग गया।


सुबह होते ही भीड़ जमा हो गई। सभी ने एक स्वर में विद्वान की निंदा की, कैसा निर्दयी मित्र था, तीनों भाइयों की रोजी रोटी का एकमात्र सहारे को विद्वान मित्र ने एक झटके में खत्म कर डाला । तीनों भाइयों की आंखों में आंसू थे ।


2-3 बरस बीत गये। विद्वान को फिर उसी गांव की तरफ से गुजरना था। डरते डरते उसने गांव में कदम रखा। पिटने के लिए भी तैयार था। धीरे से मित्र के घर के सामने पहुंचा लेकिन वहां पर मित्र की झोपड़ी की जगह आलीशान कोठी नज़र आयी।


इतने में तीनो भाई भी बाहर आ गये। अपने विद्वान मित्र को देखते ही रोते हुए वे उसके पैरों पर गिर पड़े।


बोले यदि तुमने उस दिन फली का पेड़ न काटा होता तो हम आज हम इतने समृद्ध न हो पाते हमने मेहनत न की होती। अब हम लोगों को समझ में आया कि तुमने उस रात फली का पेड़ क्यों काटा था।


जब तक हम किसी सहारे के सहारे रहते हैं, तब तक हम आत्मनिर्भर होकर प्रगति नहीं कर सकते.


जब भी सहारा मिलता है तो हम आलस्य में दरिद्रता अपना लेते हैं।


दूसरा, हम तब तक कुछ नहीं करते जब तक कि हमारे सामने नितांत आवश्यकता नही होती। जब तक हमारे चारों ओर अंधेरा नही छा जाता। तुमने उस दिन फली का पेड़ काटकर हम पर बहुत बड़ा उपकार किया था।


दोस्तो ! जीवन के हर क्षेत्र में इस तरह के फली के पेड़ लगे होते हैं। यदि आप प्रगति करना चाहते हों तो इन पेड़ों को एक झटके में काट डालो, आपकी प्रगति का रास्ता अपने आप खुल जायेगा।

मंगलवार, 10 मई 2022

कौनसा पुरुस्कार कब से शुरू हुआ

  कौनसा पुरुस्कार कब से शुरू हुआ



■  1901➨ नोबेल पुरस्कार

■ 1929 ➨ ऑस्कर अवार्ड

■ 1954 ➨ भारत रत्न

■  1961➨ ज्ञानपीठ पुरस्कार

■ 1995 ➨ गांधी शांति पुरस्कार

■ 1985 ➨ द्रोणाचार्य पुरस्कार

■ 1969 ➨ मैन बुकर पुरस्कार

■ 1961 ➨अर्जुन पुरस्कार

■ 1917 ➨ पुलित्जर पुरस्कार

■ 1992 ➨ व्यास सम्मान

■ 1952 ➨ कलिंग पुरस्कार

■ 1991 ➨  सरस्वती सम्मान

■ 1969 ➨ दादा साहब फाल्के 

■ 1957 ➨ रेमन मैग्सेसे पुरस्कार

■ 1992 ➨ राजीव गांधी खेल रत्न

■ 1955 ➨ साहित्य अकादमी पुरस्कार

■ 1954 ➨ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

■ 1958 ➨ शांति स्वरूप भटनागर

भारत की पहली महिला व्यक्तित्व

 भारत की पहली महिला व्यक्तित्व 


◈ ओलंपिक पदक जीतने वाली ➭ कर्णम मल्लेश्वरी


◈ एयरलाइन पायलट ➭ दुर्बा बॅनर्जी


◈ अंतरिक्ष में जाने वाली ➭ कल्पना चावला


◈ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली ➭ बचंदरी पाल


◈ अंग्रेजी चैनल में तैरने वाली ➭ आरती साहा


◈ "भारत रत्न" पाने वाली संगीतकार ➭ एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी


◈ एशियाई खेलों में गोल्ड जीतने वाली ➭ कमलजीत संधू


◈ बुकर पुरस्कार जीतने वाली ➭ अरुंधति राय


◈ डब्ल्यूटीए शीर्षक जीतने वाली ➭ सानिया मिर्जा


◈ नोबल पुरस्कार जीतने वाली ➭ मदर टेरेसा


◈ ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाली ➭ आशापुण देवी


◈ अशोक चक्र पाने वाली ➭ निर्जा भानोत


◈ राष्ट्रपति ➭ श्रीमती प्रतिभा पाटिल


◈ प्रधान मंत्री ➭ श्रीमती इंद्रा गांधी


◈ राज्यपाल ➭ सरोजिनी नायडू


◈ शासक (दिल्ली का सिंहासन) ➭k रजिया सुल्तान


◈ आईपीएस अधिकारी ➭ किरण बेदी


◈ मुख्यमंत्री ➭ सुचेता कृपालानी (उत्तर प्रदेश)


◈ सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश ➭ मीरा साहिब फातिमा बीबी


◈ संयुक्त राष्ट्र में राजदूत ➭ विजयलक्ष्मी पंडित


◈ केंद्रीय मंत्री ➭ राजकुमारी अमृता कौर

 

◈ मिस यूनीवर्स ➭ सुष्मिता सेन


◈ विश्व सुंदरी ➭ रीता फरिया

कम्प्यूटर : सामान्य ज्ञान / About Computer




 कम्प्यूटर: सामान्य ज्ञान  


🔷 कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रानिक मशीन है । इसका हिंदी नाम संगणक है ।


🔷आधुनिक कम्प्यूटर का पिता चार्ल्स बैवेज को कहते हैं ।


🔷कलक्यूलेटर का आविष्कार पास्कल ने किया था ।


🔷भारत मे निर्मित पहला कम्प्यूटर सिद्धार्थ था ।


🔷सबसे बडा कम्प्यूटर नेटवर्क इंटरनेट है ।


🔷भारत का प्रथम कम्प्यूटर बैंगलूर के प्रधान डाक घर मे लगाया गया ।


🔷इटरनेट का प्रथम प्रयोग अमेरिका के रक्षा अनुसंधान मे हुआ ।


🔷कम्प्यूटर मे प्रयुक्त होने वाला IC चिप्स सिलिकान का बना होता है ।


🔷भारत का सिलिकान वैली बैंगलोर को कहते हैं ।


कम्प्यूटर का मस्तिष्क सी.पी.यू. को कहते हैं ।


🔷कम्प्यूटर अपने परिणाम को भविष्य हेतु मैमोरी मे सुरक्षित रखता है ।


🔷IC का पूर्ण रूप इंटरग्रेटेड सर्किट होता है ।


🔷IBM का पूर्ण रूप इंटरनेशनल बिजनेस मशीन है ।


🔷WWW का पूर्ण रूप वर्ल्ड वाईड वेव है ।


🔷LAN का पूर्ण रूप लोकल एरिया नेटवर्क है ।


🔷WAN का पूर्ण रूप वाइड एरिया नेटवर्क है ।


🔷RAM का पूर्ण रूप रैंडम एक्सिस मेमोरी है ।


🔷ROM का पूर्ण रूप रिड ओनली मेमोरी है ।


🔷CD का पूर्ण रूप काम्पैक्ट डिस्क होता है ।


🔷VDU का पूर्ण रूप विजुअल डिस्प्ले यूनिट है ।


🔷HTML का पूर्ण रूप हायपर टेक्ट मार्कप लांग्वेज है ।


🔷HTTP का पूर्ण रूप हायपर टेक्ट ट्रांसफर प्रोटोकाल है ।


🔷ALU का पूर्ण रूप अर्थमेटिक लाजिकल यूनिट है ।


🔷CPU का पूर्ण रूप सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है ।


🔷CU का पूर्ण रूप कंट्रोल यूनिट होता है ।


🔷COBOL का पूर्ण रूप कामन बिजनेस ओरिएंटेड लांग्वेज है ।


🔷DOS का पूर्ण रूप डिस्क आपरेटिंग सिस्टम है ।


🔷E MAIL का पूर्ण रूप इलेक्ट्रानिक मेल होता है ।


🔷FAX का पूर्ण रूप फार अवे झेरोक्स होता है ।


🔷कम्प्यूटर को बंद करने की प्रक्रिया को शट डाउन तथा चालू करने की प्रक्रिया को बुट अप कहते है ।


🔷मॉनिटर का अन्य नाम VDU है ।


🔷सटैंडर्ड की बोर्ड मे 101 बटन तथा 12 फंक्शन कीज होती हैं ।


🔷चम्बकीय डिस्क पर आयरन आक्साइड की परत होती है ।


🔷बाइनरी नम्बर प्रणाली मे 0 तथा 1 का प्रयोग होता है ।


🔷फलापी डिस्क की साइज 3.25” तथा 5.25” होती है ।


🔷कम्प्यूटर नेटवर्क से सम्पर्क जोडने की प्रक्रिया को ‘लाग इन’ तथा सम्पर्क तोडने को ‘लाग आउट’ कहते हैं ।


🔷आपरेटिंग सिस्टम मे RAM का प्रयोग किया जाता है ।


🔷कम्प्यूटर मे प्रोग्राम की सूची को मेंयू कहते हैं ।


🔷मोडेम टेलीफोन लाइन पर काम करता है ।


🔷कम्प्यूटर के डम्प होने का कारण वाइरस होता है ।


🔷कम्प्यूटर वाइरस एक डिस्ट्रकटिव प्रोग्राम होता है ।


🔷कम्प्यूटर का भौतिक बनावट हार्डवेयर कहलाता है ।


🔷हार्ड डिस्क की गति RPM. मे मापी जाती है ।


🔺 8 बिट = 1 बाइट

🔺 1024 बाइट = 1 किलो बाइट

🔺 1024 किलो बाइट = 1 MB

🔺 1024 MB = 1 GB


🔷 IBM (इंटर नेशनल बिजनेस मशीन) एक कम्प्यूटर कम्पनी है ।


🔷कम्प्यूटर का मुख्य पृष्ट डेस्क टाप कहलाता है ।


🔷कम्प्यूटर के क्षेत्र मे महान क्रांति 1960 ई. मे आयी ।


🔷DOS और WINDOWS एक प्रकार के आपरेटिंग सिस्टम हैं ।


🔷माउस,की बोर्ड, जायस्टिक, स्कैनर, तथा लाइट पेन इनपुट डिवाइस के उदाहरण हैं ।


🔷परिंटर, स्पीकर, तथा मानिटर आउटपुट डिवाइस हैं ।


🔷इटरनेट पर भेजा जाने वाला संदेश ई मेल कहलाता है ।


🔷उच्चस्तरीय भाषा से मशीनी भाषा मे रूपांतरण सोर्स प्रोग्राम द्वारा होता है ।


🔷अग्रेजी के समान उच्चस्तरीय भाषा कोबोल है ।


🔷परोग्राम हेतु विकसित प्रथम भाषा फोरट्रान है ।


🔷उच्चस्तरीय भाषा का अनुवाद निम्न स्तरीय भाषा मे कम्पाइलर करता है ।


🔷उच्चस्तरीय भाषा का विकास IBM ने किया ।


🔷फोरट्रान,कोबोल, बेसिक, अल्गोल, पास्कल आदि उच्चस्तरीय भाषाएं हैं ।


🔷मदर बोर्ड एक सर्किट बोर्ड है, इसमे सी.पी.यू. जोडे जाते हैं ।


🔷हार्ड डिस्क मे कम्प्यूटर प्रोग्रामों को स्टोर किया जाता है ।


🔷कम्प्यूटर तीन प्रकार के होते हैं- डिजिटल, एनालाँग, एवं हाइब्रिड


🔷असेम्बलर ,असेम्बली भाषा को यंत्र भाषा मे बदलता है

राष्ट्रीय आंदोलन की महत्वपूर्ण घटनाएं

 राष्ट्रीय आंदोलन की महत्वपूर्ण घटनाएं


►1904 ➖ भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित


►1905 ➖ बगाल का विभाजन


►1906 ➖ मस्लिम लीग की स्थापना


►1907 ➖ सरत अधिवेशन, कांग्रेस में फूट


►1909 ➖ मार्ले-मिंटो सुधार


►1911 ➖ बरिटिश सम्राट का दिल्ली दरबार


►1916 ➖ होमरूल लीग का निर्माण


►1916 ➖ मस्लिम लीग-कांग्रेस समझौता (लखनऊ पैक्ट)


►1917 ➖ महात्मा गाँधी द्वारा चंपारण में आंदोलन


►1919 ➖ रौलेट अधिनियम


►1919 ➖ जलियाँवाला बाग हत्याकांड


►1919 ➖ मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार


►1920 ➖ खिलाफत आंदोलन


►1920 ➖ असहयोग आंदोलन


►1922 ➖ चौरी-चौरा कांड


►1927 ➖ साइमन कमीशन की नियुक्ति


►1928 ➖ साइमन कमीशन का भारत आगमन


►1929 ➖ भगतसिंह द्वारा केन्द्रीय असेंबली में बम विस्फोट


►1929 ➖ कांग्रेस द्वारा पूर्ण स्वतंत्रता की माँग


►1930 ➖ सविनय अवज्ञा आंदोलन


►1930 ➖ परथम गोलमेज सम्मेलन


►1931 ➖ दवितीय गोलमेज सम्मेलन


►1932 ➖ ततीय गोलमेज सम्मेलन


►1932 ➖ सांप्रदायिक निर्वाचक प्रणाली की घोषणा


►1932 ➖ पना पैक्ट


►1942 ➖ भारत छोड़ो आंदोलन


►1942 ➖ करिप्स मिशन का आगमन


►1943 ➖ आजाद हिन्द फौज की स्थापना


►1946 ➖ कबिनेट मिशन का आगमन


►1946 ➖ भारतीय संविधान सभा का निर्वाचन


►1946 ➖ अतरिम सरकार की स्थापना


►1947 ➖ भारत के विभाजन की माउंटबेटन योजना


►1947 ➖ भारतीय स्वतंत्रता प्राप्तिराष्ट्रीय आंदोलन की महत्वपूर्ण घटनाएं


►1904 ➖ भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित


►1905 ➖ बगाल का विभाजन


►1906 ➖ मस्लिम लीग की स्थापना


►1907 ➖ सरत अधिवेशन, कांग्रेस में फूट


►1909 ➖ मार्ले-मिंटो सुधार


►1911 ➖ बरिटिश सम्राट का दिल्ली दरबार


►1916 ➖ होमरूल लीग का निर्माण


►1916 ➖ मस्लिम लीग-कांग्रेस समझौता (लखनऊ पैक्ट)


►1917 ➖ महात्मा गाँधी द्वारा चंपारण में आंदोलन


►1919 ➖ रौलेट अधिनियम


►1919 ➖ जलियाँवाला बाग हत्याकांड


►1919 ➖ मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार


►1920 ➖ खिलाफत आंदोलन


►1920 ➖ असहयोग आंदोलन


►1922 ➖ चौरी-चौरा कांड


►1927 ➖ साइमन कमीशन की नियुक्ति


►1928 ➖ साइमन कमीशन का भारत आगमन


►1929 ➖ भगतसिंह द्वारा केन्द्रीय असेंबली में बम विस्फोट


►1929 ➖ कांग्रेस द्वारा पूर्ण स्वतंत्रता की माँग


►1930 ➖ सविनय अवज्ञा आंदोलन


►1930 ➖ परथम गोलमेज सम्मेलन


►1931 ➖ दवितीय गोलमेज सम्मेलन


►1932 ➖ ततीय गोलमेज सम्मेलन


►1932 ➖ सांप्रदायिक निर्वाचक प्रणाली की घोषणा


►1932 ➖ पना पैक्ट


►1942 ➖ भारत छोड़ो आंदोलन


►1942 ➖ करिप्स मिशन का आगमन


►1943 ➖ आजाद हिन्द फौज की स्थापना


►1946 ➖ कबिनेट मिशन का आगमन


►1946 ➖ भारतीय संविधान सभा का निर्वाचन


►1946 ➖ अतरिम सरकार की स्थापना


►1947 ➖ भारत के विभाजन की माउंटबेटन योजना


►1947 ➖ भारतीय स्वतंत्रता प्राप्ति

भारतीय संविधान के भाग (भारतीय संविधान के 22 भाग है)

 भारतीय संविधान के भाग


 (भारतीय संविधान के 22 भाग है)


➡️भाग - 1

संघ और उनका राज्यक्षेत्र


➡️भाग - 2

नागरिकता


➡️भाग - 3

 मूल अधिकार


➡️भाग - 4

राज्य की नीति के निर्देशक तत्व


➡️भाग - 4 (क) मूल कर्तव्य


➡️भाग - 5

संघ


➡️भाग - 6

 राज्य


➡️भाग - 7

 निकाल दिया गया निरस्त कर दिया गया


➡️भाग - 8 

संघ राज्य क्षेत्र


➡️भाग - 9

पंचायत


9 (क) नगर पालिकाए

9 (ख) सहकारी समितियां


➡️भाग - 10 

अनुसूचित जाति, जनजातीय क्षेत्र


➡️भाग - 11 

संघ और राज्यों के बीच संबंध


➡️भाग - 12

 वित्त, संपत्ती, संविदाए और वाद


➡️भाग - 13

 भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम


➡️भाग - 14 

संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं


➡️भाग - 14 (क)

 अधिकरण


➡️भाग - 15

निर्वाचन


➡️भाग - 16 

कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध


➡️भाग - 17

 राज्य भाषा


➡️भाग - 18

आपात उपबंध


➡️भाग - 19

प्रकीर्ण


➡️भाग - 20 

संविधान का संशोधन


➡️भाग - 21

अस्थाई, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध


➡️भाग - 22

संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन

इतिहास की प्रमुख घटनाएँ

  इतिहास की प्रमुख घटनाएँ 


भारत में आर्यों का आगमन :- 1500 ई०पू०

महावीर का जन्म :- 540 ई०पू०

महावीर का निर्वाण :- 468 ई०पू०

गौतम बुद्ध का जन्म :- 563 ई०पू०

गौतम बुद्ध का महापरिवार्न :- 483 ई०पू०

सिकंदर का भारत पर आक्रमण :- 326-325 ई०पू०

अशोक द्वारा कलिंग पर विजय :- 261 ई०पू०

विक्रम संवत् का आरम्भ :- 58 ई०पू०

शक् संवत् का आरम्भ :- 78 ई०पू०

हिजरी संवत् का आरम्भ :- 622 ई०

फाह्यान की भारत यात्रा :- 405-11 ई०

हर्षवर्धन का शासन :- 606-647 ई०

हेनसांग की भारत यात्रा :- 630 ई०

सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण :- 1025 ई०

तराईन का प्रथम युद्ध :- 1191 ई०

तराईन का द्वितीय युद्ध :- 1192 ई०

गुलाम वंश की स्थापना :- 1206 ई०

वास्कोडिगामा का भारत आगमन :- 1498 ई०

पानीपत का प्रथम युद्ध :- 1526 ई०

पानीपत का द्वितीय युद्ध :- 1556 ई०

पानीपत का तृतीय युद्ध :- 1761 ई०

अकबर का राज्यारोहण :- 1556 ई०

हल्दी घाटी का युद्ध :- 1576 ई०

दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना :- 1582 ई०

प्लासी का युद्ध :- 1757 ई०

बक्सर का युद्ध :- 1764 ई०

बंगाल में स्थायी बंदोबस्त :- 1793 ई०

बंगाल में प्रथम विभाजन : 1905 ई०

मुस्लिम लीग की स्थापना :- 1906 ई०

मार्ले - मिन्टो सुधार :- 1909 ई०

प्रथम विश्वयुद्ध :- 1914 -18 ई०

द्वितीय विश्वयुद्ध :- 1939 - 45 ई०

असहयोग आंदोलन :- 1920 - 22 ई०

साइमन कमीशन का आगमन :- 1928 ई०

दांडी मार्च नमक सत्याग्रह :- 1930 ई०

गाँधी इरविन समझौता :- 1931 ई०

कैबिनेट मिशन का आगमन :- 1946 ई०

महात्मा गांधी की हत्या :- 1948 ई०

चीन का भारत पर आगक्रम :- 1962 ई०

भारत - पाक युद्ध :- 1965 ई०

ताशकंद- समझौता :- 1966 ई०

तालिकोटा का युद्ध :- 1565 ई०

प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1776- 69 ई०

द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1780- 84 ई०

तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1790- 92 ई०

चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध :- 1799 ई०

कारगिल युद्ध :- 1999 ई०

प्रथम गोलमेज सम्मेलन :- 1930 ई०

द्वितीय गोलमेज सम्मेलन:- 1931 ई०

तृतीय गोलमेज सम्मेलन :- 1932 ई०

क्रिप्स मिशन का आगमन :- 1942 ई०

चीनी क्रांति :- 1911 ई०

फ्रांसीसी क्रांती :- 1789 ई०

रुसी क्रांति :- 1917 ई०

भारत के प्रमुख बांध एवं नदी परियोजनाएँ

 भारत के प्रमुख बांध एवं नदी परियोजनाएँ 

       

♦️इडुक्की परियोजना (Idukki Dam)

◾️परियार नदी (Periyar River)

◾️करल (Kerala)


♦️उकाई परियोजना (Ukai Project)

◾️ताप्ती नदी (Tapi river)

◾️गजरात (Gujarat)


♦️काकड़ापारा परियोजना (Kakrapar project)

◾️ताप्ती नदी (Tapi river)

◾️गजरात (Gujarat)


♦️कोलडैम परियोजना (Koldam project)

◾️सतलुज नदी (Sutlej River)

◾️हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)


♦️गगासागर परियोजना (Ganga Sagar project)

◾️चम्बल नदी (Chambal River)

◾️मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)


♦️जवाहर सागर परियोजना (Jawahar Sagar Project)

◾️चम्बल नदी (Chambal River)

◾️राजस्थान (Rajasthan)


♦️जायकवाड़ी परियोजना (Jayakwadi project)

◾️गोदावरी नदी (Godavari river)

◾️महाराष्ट्र (Maharashtra)


♦️टिहरी बाँध परियोजना (Tehri Dam Project)

◾️भागीरथी नदी (Bhagirathi River)

◾️उत्तराखण्ड (Uttarakhand)


♦️तिलैया परियोजना (Tilaiya Project)

◾️बराकर नदी (Barakar River)

◾️झारखंड (Jharkhand)


♦️तलबुल परियोजना (Tulbul Project)

◾️झलम नदी (Jhelum River)

◾️जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir)


♦️दर्गापुर बैराज परियोजना (Durgapur Barrage Project) 

◾️दामोदर नदी (Damodar River)

◾️पश्चिम बंगाल (West Bengal)


♦️दलहस्ती परियोजना (Dul Hasti Project)

◾️चिनाब नदी (Chenab River)

◾️जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir)


♦️नागपुर शक्ति गृह परियोजना (Nagpur Power Station Project)

◾️कोराडी नदी (Koradi River)

◾️महाराष्ट्र (Maharashtra)


♦️नागार्जुनसागर परियोजना (Nagarjuna Sagar Project)

◾️कष्णा नदी (Krishna River)

◾️आन्ध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)


♦️नाथपा झाकरी परियोजना (Nathpa Jhakri project)

◾️सतलज नदी (Sutlej River)

◾️हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh)

राजवंशों के संस्थापक और अंतिम सम्राट

 राजवंशों के संस्थापक और अंतिम सम्राट


❑ नन्द वंश 

संस्थापक ➛ महापद्‌म या उग्रसेन

अंतिम शासक ➛ धनानंद


❑ मौर्य वंश 

संस्थापक ➛ चंद्रगुप्त मौर्य 

अंतिम शासक ➛ बृहद्रथ 


❑ गुप्त वंश 

संस्थापक ➛ चंद्रगुप्त प्रथम

अंतिम शासक ➛ स्कंदगुप्त 


❑ शुंग वंश  

संस्थापक ➛ पुष्यमित्र शुंग 

अंतिम शासक ➛ देवभूमी


❑ सातवाहन वंश 

संस्थापक ➛ सिमुक   

अंतिम शासक ➛ यज्ञ शातकर्णी 


❑ (वतापी के) चालुक्य वंश

संस्थापक  ➛ पुलकेशिन् प्रथम 

अंतिम शासक ➛ कीर्तीवर्मन चालुक्य


❑ चोल वंश 

संस्थापक ➛ विजयालय

अंतिम शासक ➛ अथिराजेंद्र


❑ राष्ट्रकूट वंश  

संस्थापक ➛ दंतीदुर्ग 

अंतिम शासक ➛ इंद्र चतुर्थ


❑ सोलंकी वंश

संस्थापक  ➛ मूलराज प्रथम


❑ गुलाम वंश

संस्थापक ➛ कुतुबुद्दीन ऐबक

अंतिम शासक ➛ मुइज़ुद्दिन क़ैकाबाद 


❑ खिलजी वंश 

संस्थापक ➛ जलाल उद्दीन 

अंतिम शासक ➛ खुसरो खान


❑ तुगलक वंश

संस्थापक ➛ गियाज़ुद्दिन तुगलक

अंतिम शासक ➛ फिरोज शाह तुगलक


❑ लोधी वंश

संस्थापक ➛ बहलोल लोधी

अंतिम शासक  ➛ इब्रहीम लोधी


❑ मुगल वंश

 संस्थापक ➛ बाबर 

अंतिम शासक ➛ बहादुर शाह द्वितीय

Toxic Relationship:- जहरीला रिश्ता कुछ निशानियों

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